मधुमक्खी पालन का बिजनेस शुरू करें, होगी लाखों की कमाई, जानें प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र व अन्य जानकारी

Madhumakhi Palan Business in Hindi: सरकार कृषि क्षेत्र से जुड़े युवाओं को, आधुनिक खेती, पशुपालन, कीटपालन करने हेतु प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही उन्हें कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने के कई सारे अवसर भी दे रही है। युवा भी कृषि क्षेत्र से सम्बंधित बिजनेस में अपनी रूचि दिखा रहे हैं। इस समय बाज़ार में शहद की डिमांड को देखते हुए युवाओं मधुमक्खी पालन करने में अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। कई युवा मधुमक्खी पालन बिजनेस (Beekeeping Business) से कमाई कर काफी अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। आप भी यदि मधुमक्खी पालन शुरू कर कमाई करने का सोचा रहे हैं और जानना चाहते हैं कि मधुमक्खी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें? तो आइए इससे जुडी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानते हैं।

Beekeeping Business Details in Hindi

मधुमक्खी पालन बिजनेस की जानकारी

प्राचीन समय से ही देश में मधुमक्खी पालन का व्यवसाय किया जा रहा है। औषधीय गुण होने के कारण बाज़ार में हमेशा ही शहद की डिमांड बनी रहती है, जिस वजह से कुछ लोगों ने नकली शहद बनाना भी शुरू कर दिया। यदि आप इमानदारी के साथ मधुमक्खी पालन कर असली शहद लोगों तक पहुंचाते हैं तो आसानी से अच्छी कमाई कर सकते हैं। शुद्ध शहद बेचने से ग्राहक खुद ही आपके पास चले आएंगे। यह एक कम लागत वाला बिजनेस है, जोकि आपको अच्छा मुनाफा दे सकता है। आगे हम आपको मधुमक्खी पालन बिजनेस से सम्बंधित सामान्य जानकारी, जैसे- मधुमक्खी पालन व्यापार से कमाई, बॉक्स प्राइस, प्रशिक्षण केंद्र आदि के बारे में बताने जा रहे हैं।

मधुमक्खी पालन का बिजनेस कैसे शुरू करें?

मधुमक्खी पालन का बिजनेस करना ना तो ज्यादा सरल है और ना ही ज्यादा मुश्किल। सही जानकारी लेकर यह व्यवसाय किया जाए तो यह आपको अमीर बना सकता है। मधुमक्खी पालन शुरू करने से पहले आप अच्छे प्रशिक्षण केंद्र से ट्रेनिंग ले, इसके बाद ही इस व्यवसाय को शुरू करें। आपको मधुमक्खी की प्रजाति को समझना होगा, आपके क्षेत्र में कौन सी मधुमक्खी पाई जाती है। किस मौसम में कैसे इनका ध्यान रखना है। कौन सा खाद्य मधुमक्खी को देना है। इनसे सम्बंधित बिमारी कौन-कौन सी है। यह सब आप प्रशिक्षण संस्थान से ही सीख सकते हैं।

Madhumakhi Palan Business in Hindi

मधुमक्खी पालन कैसे करें

आमतौर पर आपने देखा होगा की मधुमक्खी पेड़ पर या किसी सुनसान ईमारत के कोने पर अपना छत्ता बनाती है। इस छत्ते में मधुमक्खी धीरे-धीरे फूलों के रस को एकत्रित करती है, जोकि धीरे-धीरे शहद में परिवर्तित हो जाता है। शहद बन्ने के बाद इस छत्ते को तोड़कर या निचोड़ कर इसमें से शहद को निकला जाता है। यह तो एक साधारण प्रक्रिया है, लेकिन वैज्ञानिक तौर पर पशुपालन अलग तौर-तरीके से किया जाता है। एक ख़ास प्रकार के लकड़ी से बने संदूक की मदद से मधुमक्खी पालन किया जाता है। इस संदूक को आधुनिक मधुमक्खी का छत्ता भी कहते हैं। इस बॉक्स से बिना छत्ते को काटे ही आप मशीन की मदद से शहद प्राप्त कर सकते हैं। छत्ता खाली हो जाने के बाद इसे पुनः बॉक्स में रख दिया जाता है, जिससे मधुमक्खी शहद बनाने की प्रक्रिया को दोबारा कर पाएं।

मधुमक्खी पालन के लिए सही समय व जगह

मधुमक्खी पालन के लिए सही समय की बात की जाये तो नवंबर से फरवरी का समय सबसे बेहतर माना जाता है। इस समय मधुमक्खियों के लिए अनुकूल तापमान होता है और वे ज्यादा अंडे दे पाती हैं। आप जनवरी से मार्च में भी मधुमक्खी पालन शुरू कर सकते हैं। इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले सही स्थान भी सुनिश्चित कर लें। इस व्यवसाय के लिए ऐसा स्थान चुनें जहाँ अधिक पेड़-पौधे, फूल ज्यादा हों। 1 से 2 किलोमीटर के दायरे में जामुन, केला, नारियल, अमरूद के पेड़ होना चाहिए। आपके द्वारा चुने गए स्थान पर पानी, हवा, छाया और धूप भी अच्छी होनी चाहिए।

मधुमक्खी पालन व्यवसाय के लिए आवश्यक सामग्री

  • लकड़ी का डिब्बा
  • बॉक्सफ्रेम
  • मुंह पर ढकने के लिए जालीदार कवर
  • हाथ के दस्तानें
  • चाकू
  • रिमूविंग मशीन
  • शहद एकत्रित करने के लिए पात्र

मधुमक्खी पालन से कमाई

आप मधुमक्खी पालन से लाखों की कमाई कर सकते हैं। इसके एक बॉक्स का प्राइस 3500/- रुपए पड़ता है। मान लीजिए आप 10 बॉक्स से इस बिजनेस की शुरुआत करते हैं, जिनकी लगत कुल 35,000/- रुपए आएगी। एक बॉक्स से हमें 40 किलो शहद मिले तो हम 10 बॉक्स से कुल 400 किलो शहद निकाल सकते हैं। आप 350 प्रति किलो के हिसाब बाज़ार में शहद को बेचते हैं तो 400 किलो शहद से आपकी 1 लाख 40 हजार की कमाई होगी। जैसे-जैसे आप मधुमक्खी व् बॉक्स की संख्या बढ़ाएंगे आपका बिजनेस और भी ज्यादा बढ़ता चला जाएगा।

मधुमक्खी पालन प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र

  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, पूसा रोड, नई दिल्ली (New Delhi)।
  • नेशनल बी बोर्ड, बी इंस्टीटय़ूशनल एरिया, अगस्त क्रांति मार्ग, हौज खास, नई दिल्ली (New Delhi)।
  • राष्ट्रीय बागबानी बोर्ड, लालकोठी, जयपुर, राजस्थान (Jaipur, Rajasthan)
  • ज्योति ग्रामोद्योग संस्थान, गंगोह, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश (UP)

Leave a comment