Pashudhan Bima Yojana 2021: केंद्र सरकार के द्वारा किसानों के हित में कई लाभकारी योजनाएं चलाई जाती है। किसान को किसी भी प्रकार से आर्थिक हानि का सामना ना करना पड़े, इसके लिए सरकार भिन्न-भिन्न योजनाओं को संचालित करती है। किसानों के लिए केंद्र सरकार के द्वारा पशुधन बीमा योजना (Pashudhan Bima Yojana) को चलाया जाता है। इस योजना के द्वारा ऐसे किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है, जिनके पशुओं की अचानक मृत्यु हो गई है। केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई पशुधन बीमा योजना क्या है, इस योजना के अंतर्गत पशु बीमा कैसे करवाएं, बीमा करवाने पर प्रीमियम राशि कितनी देनी पड़ती है? आइए पशुधन बीमा योजना से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानते हैं।
Pashudhan Bima Yojana 2021 Detail in Hindi
योजना का नाम | पशुधन बीमा योजना (Pashudhan Bima Yojana) |
योजना का प्रकार | केंद्रीय योजना |
शुरुआत | |
लाभ | पशु की मृत्यु पर मालिक को आर्थिक नुकसान की भरपाई |
लाभार्थी | किसान व पशुपालक |
अधिकारिक वेबसाइट (Official website/Portal/App) | जानकारी नहीं है |

पशुधन बीमा योजना क्या है? (Pashudhan Bima Yojana 2021)
10वीं पंचवर्षीय योजना 2005-06 के समय प्रयोग के तौर पर केंद्र सरकार के द्वारा पशुधन बीमा योजना को शुरू किया गया था। शुरुआत में निर्धारित 100 जिलों के किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाता था, लेकिन अब यह योजना 300 से ज्यादा जिलों के किसानों को लाभ पहुंचाती है। योजना के माध्यम से ऐसे किसानों को लाभ पहुंचाया जाता है, जो पशुओं के उत्पाद जैसे दूध, दही, घी को बेचकर अपनी आजीविका चला रहे हैं, लेकिन अचानक उनके पशु की मृत्यु से उनके सामने आर्थिक संकट आ गया। ऐसे में इस योजना के अंतर्गत पशुओं का बीमा होने पर यदि उनकी आपातकालीन मृत्यु हो जाती है तो सरकार किसान को होने वाले नुकसान की भरपाई आर्थिक सहायता देकर करती है। यह भी पढ़ें: खसरा खतौनी नाम अनुसार ऑनलाइन देखें
पशुधन बीमा योजना का उद्देश्य
पशुपालन से अपनी आय अर्जित करने वाले किसान तथा पशुपालकों को कई बार अपने पशुओं की मृत्यु के कारण आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। इन किसानों व पशुपालकों को हुए इस नुकसान से सुरक्षा देने के उद्देश्य से पशुधन बीमा योजना को शुरू किया गया था। सरकार ने पशुधन बीमा योजना के लाभ बताकर इसे ग्रामीणों के बीच लोकप्रिय बनाया। फ़िलहाल इस योजना को गोवा राज्य को छोड़कर बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तरप्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्यों समेत अन्य सभी राज्यों में लागू किया गया है। जो किसान अन्य किसी पशु बीमा योजना का लाभ उठा रहे हैं, वे इस योजना का लाभ लेने के पात्र नहीं होंगे। यह भी पढ़ें: राजस्थान किसान उठाएं सौर ऊर्जा सब्सिडी योजना का लाभ
पशुधन बीमा योजना का लाभ
- पशुधन योजना के अंतर्गत देशी/ संकर दुधारू मवेशी और भैंस का बीमा किया जाता है।
- योजना में दूध देने वाली गाय व भैंस के अलावा दूध न देने वाली, गर्भवती मवेशी, कम से कम एक बार बछड़े को जन्म देने वाली मवेशी को भी शामिल किया गया है।
- बीमा का प्रीमियम 50 प्रतिशत तक अनुदानित होता है।
- अनुदान का वहन पूर्णरूप से केंद्र सरकार के द्वारा किया जाता है।
- कुछ राज्य भी प्रीमियम राशि पर अलग से अनुदान देते हैं।
- एक किसान अपने 2 पशुओं का बीमा इस योजना के माध्यम से करवा सकता है।
- पशुओं का बीमा अधिकतम 3 वर्ष के लिए किया जाता है।
- किसान को 3 वर्ष की पॉलिसी लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, लेकिन यदि वह 3 से कम वर्ष के लिए भी पॉलिसी लेना चाहता है, तो उसे दे दी जाती है।
- पशु की नस्ल के अनुसार उसकी बाज़ार की अधिकतम कीमत पर बीमा किया जाता है।
- यदि बीमा अवधि समाप्त होने से पहले किसान अपने पशु को बेच देता है तो बीमे की शेष अवधि का लाभ पशु के नए मालिक को दिया जाएगा।
- बीमित पशु के मरने पर 15 दिन में उसके बीमा राशि का निपटान कर दिया जाएगा।
कवर / बीमा कवरेज
- पॉलिसी केवल निम्न कारणों से मवेशियों की मृत्यु के लिए क्षतिपूर्ति देगी।
- बाढ़, चक्रवात, भूकंप की वजह से हुई पशु की आकस्मिक मौत पर।
- सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत पर भी आर्थिक मदद की जाएगी।
- यदि पशु की मौत किसी बीमारी की वजह से हुई हो।
- सर्जिकल ऑपरेश होने के बाद पशु की मौत होने पर।
- हड़ताल, दंगा, नागरिक अभियान जोखिम और आतंकवाद की वजह से होने वाली मृत्यु को भी कवर किया गया है।
दस्तावेज
- पशु के मालिक का आधार कार्ड
- गरीब रेखा कार्ड
- यदि किसान या पशुपालक अनुसूचित जाति / जनजाति से सम्बंधित है तो जाति प्रमाण पत्र
- पशु का हेल्थ सर्टिफिकेट
पशुधन बीमा योजना हेतु आवेदन प्रक्रिया
- यदि आप अपने पशु का बीमा करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको अपने जिले के पशु चिकित्शालय में जाकर योजना से सम्बंधित जानकारी एकत्रित करनी होगी।
- इसके बाद आपके पशु की स्वस्थ्य जाँच की जाएगी, जिसके बाद उसका हेल्थ सर्टिफिकेट बनाया जाएगा।
- अब आप बीमा एजेंट के माध्यम से अपने पशु का बीमा करवा सकते हैं।
- इस दौरान आपके पशु के कान में पहचान हेतु एक टैग लगा दिया जाएगा।
- इस टैग का खर्च बीमा कम्पनी वहन करती है, लेकिन इसे सँभालने की जिम्मेदारी आपकी होती है।
- आप ऑनलाइन माध्यम से भी पशु बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए आपको इस बीमा योजना से सम्बंधित ऑफिसियल वेबसाइट (Official Website) पर जाना होगा।
- अधिकारिक वेबसाइट पर सभी महत्वपूर्ण जानकरियां भरकर आप इस योजना से जुड़ सकते हैं।
जरूरी जानकारी
- बीमा होने के बाद लाभार्थी को एक मोबाईल नंबर दिया जाता है, पशु की मृत्यु होने पर उसे इस नंबर पर फोन लगाकर इसकी सूचना देनी होती है।
- इसके बाद बीमा कम्पनी के द्वारा मृत पशु का सर्वे किया जाता है, इस दौरान पशु के कान में पहचान हेतु एक टैग लगा होना अनिवार्य है।
- टैग न होने की स्थिति में आप पशु बीमा की रकम का दावा नहीं कर सकते।
बीमा दावा हेतु जरूरी दस्तावेज
- प्रथम सूचना रिपोर्ट
- बीमा पॉलिसी
- दावा प्रपत्र
- अंत्यपरीक्षण रिपोर्ट
- बीमारी की वजह से पशु की मृत्यु होने पर बीमारी सम्बंधित इलाज का पर्चा
Pashudhan Bima Yojana 2021 Premium Amount
इस योजना की प्रीमियम राशि की बात करें तो अलग–अलग राज्यों में प्रीमियम बीमा भरने की प्रक्रिया अलग-अलग है। उत्तर प्रदेश में पशुओं के 50 हजार बीमा कवरेज के लिए प्रीमियम राशि पशुओं की नस्ल के आधार पर 400 से 1000 रुपये तक है। आपके राज्य में यह अलग हो सकती है। आप बीमा एजेंट से प्रीमियम राशि की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कहाँ संपर्क करें?
यदि आप इस योजना से सम्बंधित विस्तृत जानकारी पाने चाहते हैं या आपको बीमा करवाने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही है तो आप अपने क्षेत्र के पशु चिकित्सा अधिकारी या पशुपालन विभाग से संपर्क करें।
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